Site icon Give a Book ok

भारत के शिक्षा मंत्री कौन है: एक सूचनात्मक और विश्लेषणात्मक लेख

भारत के शिक्षा मंत्री कौन है: एक सूचनात्मक और विश्लेषणात्मक लेख

प्रस्तावना:

भारत के शिक्षा मंत्री कौन है शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जो किसी भी राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होता है। भारत में शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उनमें से एक भूमिका भारत के शिक्षा मंत्री की होती है। इस लेख में, हम जानेंगे कि वर्तमान में भारत के शिक्षा मंत्री कौन हैं और उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कैसे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की कोशिश की है।

भारत के शिक्षा मंत्री:

भारत के शिक्षा मंत्री का पद एक महत्वपूर्ण शासनिक पद है जो देश के शिक्षा क्षेत्र के विकास और सुधार के लिए जिम्मेदार होता है। शिक्षा मंत्री व्यक्तिगत रूप से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियों और प्रोजेक्ट्स का प्रबंधन करते हैं और यह देखते हैं कि शिक्षा से जुड़े मुद्दे कैसे हल किए जा सकते हैं।

वर्तमान शिक्षा मंत्री:

वर्तमान में, भारत के शिक्षा मंत्री का पद सुब्रमण्यम जयशंकर हैं। सुब्रमण्यम जयशंकर, जो कि प्रमिनी बुद्धिमान प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं, ने 30 मई 2019 को भारत के शिक्षा मंत्री के तौर पर नियुक्ति प्राप्त की थी। उनका चयन विभाग में विभिन्न सरकारी नौकरियों में उनकी उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर किया गया था।

सुब्रमण्यम जयशंकर का जीवन परिचय:

सुब्रमण्यम जयशंकर का जन्म 9 जनवरी 1955 को तिरुपति, आंध्र प्रदेश, भारत में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने संत स्टीफेन कॉलेज, दिल्ली से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।

कैरियर का आरंभ:

सुब्रमण्यम जयशंकर का कैरियर भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में शुरू हुआ। उन्होंने आईएफएस के तौर पर अपनी सेवाएं दी और विभिन्न दूतावासों में कार्य किया। उन्होंने विदेशी दूतावासों में भारत की ओर से विभिन्न पदों पर कार्य किया और अपनी विदेशी दिप्लोमेसी कौशल का प्रदर्शन किया।

विदेश में उनका कार्य:

सुब्रमण्यम जयशंकर ने अपने विदेशी कैरियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उन्होंने विशेष रूप से वाशिंगटन डीसी में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया और भारतीय दिप्लोमेसी को विश्व में प्रमोट किया। उन्होंने अपनी विदेशी कैरियर के दौरान भारतीय-अमेरिकी संबंधों को मजबूत किया और दोनों देशों के बीच साथित्य को बढ़ावा दिलाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की।

Exit mobile version